सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को पर्ल सिटी pearls city
के सेक्टर 100,और सेक्टर 104 को मोहाली में विकसित करने के लिए एक नोटिस जारी किया है,,और 20 जनवरी 2020 त जबाब दाखिल करने का आदेश जारी किया है,
Pearl agrotech Carporation Limited पर्ल एग्रोटेक कारपोरेसन लिमिटेड (PACL) द्वारा इन दो क्षेत्रों सेक्टर 100,और सेक्टर 104, में विकसित किये जा रहे pearl city (पर्ल सिटी) के लगभग 1300 आवंटियों का भाग्य 2014 से उसके अध्यक्ष -सह प्रबंध निदेशक (CMD) निर्मल सिंह भंगू द्वारा बुक किये जाने के बाद से अधुरा लटका पड़ा हुआ है,
49000 करोड़ के पोंजी स्कीम घोटाले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो CBI केंद्रीय जांच एजेंसी ने PACL की सभी सम्पतियों को सीज किया था..जिसमे 2006 में शुरू की गई PACL की यह मेगा परियोजना भी शामिल थी,
पर्ल सिटी के सेक्टर 100,और 104 के दोनों क्षेत्रों में लगभग 160 परिवार रहते है,जहाँ लोगों ने लगभग 600 करोड़ का निवेश की किया है,फिर भी सेक्टर में सीवरेज सिस्टम ,उचित सड़के और स्ट्रीट लाइट नही है..
17 दिसम्बर को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में ,राज्य सरकार से कहा गया है कि वह दोनों क्षेत्रों सेक्टर 100 और सेक्टर 104 पर अपना रुख साफ़ करे ? और 20 जनवरी 2020 से पहले चार सप्ताह के भीतर जबाब दाखिल करे ?
2016 में शीर्ष अदालत माननीय सुप्रीम कोर्ट ने PACL की सम्पतियों को बेचने और प्रभावित निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए न्यायमूर्ति R.M. लोढ़ा कमेटी का गठन किया था,
30 जुलाई 2019 को जारी एक अन्य आदेश में अदालत ने पंजाब सरकार की (LAND POOLING SCHEME) भूमि पूलिंग योजना के हिस्से के रूप में ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथोरिटी (GMADA)
क्षेत्र के तहत आने वाले प्रोजेक्ट को विकसित करने की सम्भावना तलाशने का निर्देश दिया .
इस योजना के तहत एक निजी डेवलपर राज्य सरकार के साथ मिलकर
80:20 (PROFIT ) लाभ -साझाकरण के आधार पर परियोजनाओं को विकसित करने के लिए सहयोग कर सकता है,लेकिन कई बैठकों के बाद अक्टुबर में (GMADA) ने PACL के सम्पतियों पर कब्ज़ा करने में असमर्थता व्यक्त की ,इसने लोढ़ा समिति के सदस्यों को एक प्रस्ताव दिया .जिसमे कहा गया कि PACL की सम्पतियों को अपने पोरटल (PORTAL) का उपयोग करके नीलाम किया जा सकता है..अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है,
जिसमे परियोजनाओं में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है..
पर्ल सिटी मोहाली रेजिडेंट्स बेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष कुलबीर सिंह सिद्धू ने कहा की परियोजना को सम्हालने के लिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी की वह परियोजनाओं से सम्बंधित सभी स्वीकृतियां दे,
बिभिन्न रूपों में आवंटियों से भारी मात्र में फीस वसूली गई ,हम सरकार से आवंटियों के हित में कार्य करने का अनुरोध करते है..
के सेक्टर 100,और सेक्टर 104 को मोहाली में विकसित करने के लिए एक नोटिस जारी किया है,,और 20 जनवरी 2020 त जबाब दाखिल करने का आदेश जारी किया है,
Pearl agrotech Carporation Limited पर्ल एग्रोटेक कारपोरेसन लिमिटेड (PACL) द्वारा इन दो क्षेत्रों सेक्टर 100,और सेक्टर 104, में विकसित किये जा रहे pearl city (पर्ल सिटी) के लगभग 1300 आवंटियों का भाग्य 2014 से उसके अध्यक्ष -सह प्रबंध निदेशक (CMD) निर्मल सिंह भंगू द्वारा बुक किये जाने के बाद से अधुरा लटका पड़ा हुआ है,
49000 करोड़ के पोंजी स्कीम घोटाले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो CBI केंद्रीय जांच एजेंसी ने PACL की सभी सम्पतियों को सीज किया था..जिसमे 2006 में शुरू की गई PACL की यह मेगा परियोजना भी शामिल थी,
पर्ल सिटी के सेक्टर 100,और 104 के दोनों क्षेत्रों में लगभग 160 परिवार रहते है,जहाँ लोगों ने लगभग 600 करोड़ का निवेश की किया है,फिर भी सेक्टर में सीवरेज सिस्टम ,उचित सड़के और स्ट्रीट लाइट नही है..
17 दिसम्बर को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में ,राज्य सरकार से कहा गया है कि वह दोनों क्षेत्रों सेक्टर 100 और सेक्टर 104 पर अपना रुख साफ़ करे ? और 20 जनवरी 2020 से पहले चार सप्ताह के भीतर जबाब दाखिल करे ?
2016 में शीर्ष अदालत माननीय सुप्रीम कोर्ट ने PACL की सम्पतियों को बेचने और प्रभावित निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए न्यायमूर्ति R.M. लोढ़ा कमेटी का गठन किया था,
30 जुलाई 2019 को जारी एक अन्य आदेश में अदालत ने पंजाब सरकार की (LAND POOLING SCHEME) भूमि पूलिंग योजना के हिस्से के रूप में ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथोरिटी (GMADA)
क्षेत्र के तहत आने वाले प्रोजेक्ट को विकसित करने की सम्भावना तलाशने का निर्देश दिया .
इस योजना के तहत एक निजी डेवलपर राज्य सरकार के साथ मिलकर
80:20 (PROFIT ) लाभ -साझाकरण के आधार पर परियोजनाओं को विकसित करने के लिए सहयोग कर सकता है,लेकिन कई बैठकों के बाद अक्टुबर में (GMADA) ने PACL के सम्पतियों पर कब्ज़ा करने में असमर्थता व्यक्त की ,इसने लोढ़ा समिति के सदस्यों को एक प्रस्ताव दिया .जिसमे कहा गया कि PACL की सम्पतियों को अपने पोरटल (PORTAL) का उपयोग करके नीलाम किया जा सकता है..अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है,
जिसमे परियोजनाओं में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है..
पर्ल सिटी मोहाली रेजिडेंट्स बेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष कुलबीर सिंह सिद्धू ने कहा की परियोजना को सम्हालने के लिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी की वह परियोजनाओं से सम्बंधित सभी स्वीकृतियां दे,
बिभिन्न रूपों में आवंटियों से भारी मात्र में फीस वसूली गई ,हम सरकार से आवंटियों के हित में कार्य करने का अनुरोध करते है..
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