" शोक उसी का कीजिये , जो अनहोनी होय ! अनहोनी होती नहीं,होनी है सो होय !! जैसे इन सब बातो को सब जानते है,कि सूर्य का उदय हुआ है,तो अस्त भी होगा ही ,और अस्त होगा तो फिर उदय होगा ही,इसलिए मनुष्य सूर्य के अस्त होने पर शोक - चिन्तन नहीं करते ,ऐसे ही सभी मर जायेंगे तो फिर शरीर के साथ जन्म भी जायेंगे ,अतः इस दृष्टि से भी शोक नहीं हो सकता ? !!जय श्रीहरि: !! शुभरात्रि
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