भगवान के निर्गुण निराकार तत्व के प्रभाव महातम्य और रहस्य से युक्त यथार्थ ज्ञान को "ज्ञान "कहते है ," विज्ञानं " सगुण निराकार और दिव्य साकार तत्व के लीला ,रहस्य ,गुण,महत्व और प्रभाव से युक्त यथार्थ ज्ञान को विज्ञानं कहते है,इस ज्ञान और विज्ञानं की प्राप्ति के लिए ह्रदय में जो आकांक्षा उत्पन्न होती है,उसको यह महान काम रूप शत्रु अपनी मोहिनी शक्ति द्वारा नित्य-निरन्तर दबाता है,अर्थात उस आकांक्षा की जागृति से उत्पन्न ज्ञान विज्ञान के साधनों में बाधा पहुँचाता है,इसी कारण ये प्रकट नहीं है,या तो इसीलिए काम को उनका नाश करने वाला बताया गया है,
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