सनातन धर्म और हिन्दू समाज के पतन का प्रमुख कारण - 1- सनातन धर्म का नाना प्रकार के मत-मतान्तर और सम्प्रदायों में बंटकर परस्पर एक-दूसरे का विरोध करना 2- एक ईश्वर उपासना के स्थान पर न केवल अनेक देवी-देवताओं ,बल्कि भूत-प्रेत पीर पैगम्बर ,कब्र,मजार ,आदि को सांसारिक कामनाओं के लिए पूजना भी एक प्रमुख कारण है, 3- मूर्ति पूजा का दुरूपयोग और मंदिर तीर्थ आदि पवित्र स्थानों में बहुत प्रकार के दुर्व्यवहार भी एक कारण है ! 4- गुण,कर्म,स्वाभाव को छोड़कर जन्म से जाति-पाति की व्यवस्था मानने के कारण अवनति और नीची कहलाने वाली जातियों का उन्नति के मार्ग में रूकावट इसके परिणाम स्वरुप हिन्दू समाज का अधोगति में जाना भी एक प्रमुख कारण है, ! 5- स्वयं अपने गुण ,कर्म और स्वाभाव को ऊंचा बनाने की अपेक्षा एक-दूसरे को नीचा दिखाने ,छोटा और झूठा एवं अपूर्ण बतलाकर अपने को बड़ा सच्चा और पूर्ण सिद्ध करने की आसुरी चेष्टा इस प्रकार हिन्दुओं में परस्पर भाईचारा ,समानता,आदर,और सत्कार का अभाव भी एक कारण है, 6- ऊँचे सवर्ण कहलाने वाले संकीर्ण ह्रदय मनुष्यों का नीची कहलाने वाली निर्धन जातियों का न केवल धार्मिक,सामाजिक और नागरिक ,अधिकारों का हरण करना किन्तु उनके प्रति पिशाच बात ,अत्याचार करके उनको दूसरों के मजहबों के जाल में फसांकर मजबूर करना भी कारण है ! 7- बालविवाह ,वृद्ध विवाह आदि नाना प्रकार की कुरीतियों को शुद्रा वताकर उनका जन्म सिद्ध अधिकार ,धार्मिक अधिकार से वंचित रखना विधवाओं के साथ दुर्व्यवहार करना भी कारण 8- हिन्दुओं के सामाजिक धार्मिक राष्टीय नागरिक आदि सारे अंगों में स्वार्थमय जीवन आदि 9- सारे द्वेषों से अनुचित लाभ उठाकर दो विदेशी मजहबों का न केवल विद्याहीन ,छोटी जाति वालो का गावों ,पहाड़ो ,और जंगलो में रहने वाले अनपढ़ हिन्दुओं को पौराणिक कथाओं में आयुक्ति दिखलाकर अपने मजहवी जाल में फँसाना भी कारण है !
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सनातन धर्म और हिन्दू समाज के पतन का प्रमुख कारण -The main reason for the decline of Sanatan Dharma and Hindu society -
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