राजा नृग ने जो साठ हजार गाय 60000,गाय रोज दान देते थे,एक दिन एक गाय भूल से दो ब्राम्हणों को दान दे दिया था,राजा नृग की उसी एक गलती के कारण उससे एक ब्राम्हण ने श्राप दे दिया था,कि तुम गिरगिट योनि में उत्पन्न हो जाओ ,राजा नृग को गिरगिट योनि मिली,और एक अंधे कुएं में पड़े रहे ,जब श्री कृष्ण अवतार हुआ ,तब श्रीकृष्ण ने अपना चरण छुआकर उसका उद्धार किया...जय श्रीहरि:
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